बंजर में भी फूल खिला दे ऐ दाता
अँधियारा फैला है कोने कोने में
अब कोई सूरज चमका दे ऐ दाता
अँधियारा फैला है कोने कोने में
अब कोई सूरज चमका दे ऐ दाता
हम निर्बल हैं शरण तुम्हारी आए हैं
हर मुश्किल आसान बना दे ऐ दाता
संकट में है पड़ी हुई कब से दुनिया
अब तो कोई राह दिखा दे ऐ दाता
मिलना जुलना हो सबसे पहले जैसा
क़ैद से अब आज़ाद करा दे ऐ दाता
फूल जहाँ खिलते हों प्यार मोहब्बत के
ऐसा कोई बाग़ सजा दे ऐ दाता
मुश्किल में सब इक दूजे के काम आएं
सबको ऐसा पाठ पढ़ा दे ऐ दाता
भरम वहम सब दिल से मिट जाएं 'राजन '
ज्ञान की ऐसी ज्योति जला दे ऐ दाता
' राजन सचदेव '
Perfectly appropriate prayer under present scenario, composed so well Rajan ji.
ReplyDeleteआप जी को दादर नमन ।
Very nice and true prayer ji..
ReplyDeleteWAH KYA BAT H BAHUT BAHUT BAHUT HI SUNDER . ARDAS BHRI NZM H APJI KI
ReplyDeleteBAHUT HI PYARI RCHNA H YE BHI UNKO DO JIS BETI NE PEHLE GAYI THI
ReplyDeleteRanjit
Very Nice ji...Thank you Resp.Rajan ji🙏🏼❤🌹
ReplyDeleteVery nice and appropriate poem for the current times Rajanjee.🙏.
ReplyDeleteThank you. शत शत नमस्कार 🙏🙏
Beautiful 🙏
ReplyDeleteBahut sunder ji
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