ख़ामोशी की तह में छुपा लो उलझनें
शोर कभी मुश्किलें आसां नहीं करता
अपनी समस्याओं को मौन की परतों में छुपा कर रखना ही बेहतर होता है।
क्योंकि केवल शोर करने से ही तो मुश्किलें आसान नहीं हो जातीं।
हर संघर्ष के लिए ऊँची आवाज़ की ज़रुरत नहीं होती।
रोने चिल्लाने, हर वक़्त शिकायत करने और लोगों से अपनी परेशानी का इज़हार करते रहने से अक्सर कोई हल नहीं निकलता।
कुछ गुत्थियाँ मौन में - ख़ामोशी में ही सुलझती हैं।
स्थिरता एवं मौन में एक ऐसी गहन शक्ति निहित होती है — जिस में उलझनें धीरे-धीरे स्वयं ही शांत होने लगती हैं और उलझे हुए दोचित्ते विचारों की पकड़ ढीली पड़ने लगती है।
जिस तरह पानी को शांत छोड़ने पर उसमें मिली हुई मिट्टी और कीचड़ नीचे बैठ जाता है -
वैसे ही मौन और स्थिरता में हमारे मन को स्पष्टता मिलती है और सहज में ही समाधान दिखने लगते हैं।
" राजन सचदेव "
Very true ji.🙏🙏
ReplyDeleteACTUALLY ITS TRUE, NO SIDE EFFECT DHAN NIRANKAR JI
ReplyDeleteRight.... No side effects 👍😊
DeleteBeautiful advise 🙏🙏
ReplyDelete👍🌷🙏ture ji🙏
ReplyDelete🙏🙏jk
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