ये जिस का है उसी का है न तेरा है न मेरा है
तू अव्वल सोच तो दिल में कि तू है कौन और क्या है
नमाज़ी है शराबी है - उचक्का है लुटेरा है?
फ़रिश्ता है, परी है, देव है, या आदमी -जिन्न है
बला है - भूत है - यामुन मज़ूरा या कमीरा है
जब इन चीज़ों से तू अपने तईं कुछ चीज़ ठहरा ले
तो उस के बा'द फिर कहियो ये मेरा है ये तेरा है
ये चीज़ें तो ग़रज़ क्या हैं तू अपना ही नहीं मालिक
तुझे ओ बे-ख़बर नादाँ ये किस ग़फ़लत ने घेरा है
तू कच्चे सूत का धागा अबस बल पेच खाता है
ये सब वहम-ए-ग़लत है और क़ुसूर-ए-फ़हम तेरा है
तू क्या जाने कि तुझ को किस ने किस चर्ख़े में काता है
तू क्या जाने कि तुझ को किस अटेरन में अचेरा है
तमाशा है मज़ा है सैर है क्या क्या अहा हाहा
मुसव्विर ने अजब कुछ रंग क़ुदरत का बिखेरा है
तरक़्क़ी में तनज़्ज़ुल है तनज़्ज़ुल में तरक़्क़ी है
अँधेरे में उजाला है - उजाले में अँधेरा है
तिलिस्मात-ए-हक़ीक़ी है ये कुछ समझा नहीं जाता
यही चाँद और यही सूरज यही शाम और सवेरा है
'नज़ीर ' अल्लाह अल्ला इस जहाँ में दम ग़नीमत है
कहाँ हम और कहाँ फिर तुम कोई दम का बसेरा है
||नज़ीर अक़बराबादी ||
मज़ूरा = मजबूर Helpless
अबस = महज़ , सिर्फ Only
वहम-ए-ग़लत = ग़लत धारणा Misunderstanding
क़ुसूर-ए-फ़हम = सोच का दोष Fault of your thinking
मुसव्विर = चित्रकार Painter
तरक़्क़ी = उन्नति Promotion,
तनज़्ज़ुल = पतन Demotion, decline, fall, degradation
कमीरा = अनजान - छुपा हुआ Unknown Secret
दम = पल , क्षण A Moment
Churns your mind to bring you close to the reality of this universe...
ReplyDeleteBAHUT HI SUNDER NZM NZIR AKBRABADI KI
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