Monday, March 29, 2021

सुखी जीवन का रहस्य

हम समझते हैं कि प्रसन्न रहने के लिये - सुखी जीवन जीने के लिए बहुत कुछ इकट्ठा करना पड़ता है। 

लेकिन हकीकत यह है कि प्रसन्न और सुखी रहने के लिये बहुत कुछ छोड़ना पड़ता है। 

मन की शांति इस बात पर निर्भर नहीं करती कि हमने क्या एकत्रित और संचित किया है 
बल्कि इस बात में है कि हमने क्या छोड़ा, क्या भुलाया, और क्या देख कर भी अनदेखा किया।  

आशा, मंशा, द्वेष और ईर्ष्या का त्याग ही सुखी जीवन का रहस्य है। 
मन की शांति त्याग से मिलती है - संचय से नहीं 
                                                 ' राजन सचदेव '

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कौन सी रात आख़िरी होगी ? Which Night will be the Last one?

न जाने कौन सी बात आख़िरी होगी  न जाने कौन सी रात आख़िरी होगी  मिलते जुलते बात करते रहा करो यारो  न जाने कौन सी मुलाक़ात आख़िरी होगी             ...