Friday, June 19, 2020

ग़म ना कर इसका Gham na kar iska

ग़म ना कर इसका कि आज पिंजरे में तेरी जान है
इतना शुकर कर तेरा पिंजरा तो आलीशान है

Gham na kar iska ki aaj pinjray me teri jaan hai
Itnaa shukar kar tera pinjraa to aalishaan hai 

4 comments:

  1. Apt for present covid times..all locked up in pinjara

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  2. वाह क्या बात है!

    पिंजरा तो बस एक जरूरत, प्रकृति का नियम है
    'खुली हवा'का दिल से रिश्ता, फिर भी कायम दायम है

    *खुली हवा=निराकार

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कौन सी रात आख़िरी होगी ? Which Night will be the Last one?

न जाने कौन सी बात आख़िरी होगी  न जाने कौन सी रात आख़िरी होगी  मिलते जुलते बात करते रहा करो यारो  न जाने कौन सी मुलाक़ात आख़िरी होगी             ...