Tuesday, June 2, 2020

विचार, धारणाएँ और मान्यताएँ

सागर के किनारे रेत पर कुछ बच्चे खेल रहे थे। 
अचानक सागर से उठी एक लहर किनारे पर आयी और एक बच्चे का चप्पल अपने साथ बहा ले गई| 
बच्चे ने अंगुली से रेत पर लिख दिया - सागर चोर है|

उस के पास ही एक मछुआरे ने मछली पकड़ी। 
उसने रेत पर लिखा - सागर मेरा पालनहार है। 

एक युवक समुन्द्र में डूब कर मर गया तो उसकी मां ने रेत पर लिख दिया 
'समुन्द्र हत्यारा है' 

थोड़ी दूर पर एक गरीब बूढ़ा हाथ में लाठी लिए रेत पर टहल रहा था| 
उसे अचानक किनारे पर पड़ी एक सीप में एक अनमोल मोती मिल गया| 
उसने रेत पर लिख दिया - सागर दानी है| 

अचानक सागर से फिर एक बड़ी लहर किनारे पर आई 
 और सारे लेख मिटा कर चली गई। 

सागर हो या कुछ और, हर वस्तु के बारे में हमारी धारणाएँ हमारे अनुभव अथवा लोगों से सुनी हुई बातों पर आधारित होती हैं 
और उन्हीं के आधार पर हम किसी वस्तु, व्यक्ति अथवा परिस्थिति को अच्छा या बुरा सिद्ध करने का प्रयास करते हैं। 
लेकिन केवल कुछ घटनाओं अथवा परिस्थितियों के आधार पर बनी धारणाएँ पूर्णतया सत्य नहीं होतीं। 

लोग चाहे सागर के बारे में कुछ भी कहें  लेकिन विशाल सागर अपनी लहरों में मस्त रहता है| 
अपने उफान और शांति वह अपने हिसाब से तय करता है|

अगर विशाल सागर बनना है तो लोगों के कहने पर ध्यान न दें| 
सत्य और असत्य को परखें और सत्य के मार्ग पर चलते रहें।  
कहा जाता है कि असत्य कभी टिकता नहीं और सत्य कभी मिटता नहीं। 
इसलिए सत्य के मार्ग से कभी विचलित न हों।  
                           ' राजन सचदेव '

5 comments:

  1. A GEM of a lesson given in such simple words. Thanks.

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  2. Draw your own line and that also "Straight" Thought provoking n worth emulating story.

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  3. Very true ji🙏🙏🙏🌹🙏🙏🙏

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