आज का मानव नाम-धन को छोड़ कर नाम और धन के पीछे भाग रहा है
निरंकरी मिशन में भी युग पुरुष पूज्यनीय बाबा अवतार सिंह जी महाराज के समय
धर्म ग्रंथों के अध्यन, जिज्ञासा और फिर खोज के बाद ज्ञान मिलता था - जिसका मूल्य
समझ कर दिल से समर्पण और भक्ति की जाती थी
आज के समय में बिना अध्ययन और बिना खोज किए आसानी से ज्ञान मिल जाता है
इसलिए ज्यादातर भक्ति दिमाग से हो रही है और जब दिमाग से भक्ति होती है तो
तर्क बीच में आ जाता है और श्रद्धा कम हो जाती है।
' गुरुप्रकाश चुघ '
(गाँधी नगर गुजरात )
(गाँधी नगर गुजरात )
Well said. A lot of truth to this blog.
ReplyDeleteIts true....may nirankar bless us for true devotion from pure heart....
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