Monday, June 5, 2017

तो सत्य क्या है ?

मैं जो कुछ देखता हूँ
सुनता हूँ 
छूता हूँ 
महसूस करता हूँ 
यह सब अगर मिथ्या है 
तो सत्य क्या है ?

तेरी आँखें,
तेरे अबरू 
तेरे आरिज़ 
तेरे लब 
तेरी मुस्कान 
तेरी लचक 
यह सब अगर मिथ्या है
तो फिर सत्य क्या है ?

जिस दिन मन उस सत्य को पा लेगा 
तो  सदियों से सँजोया 
ये सपना टूट जाएगा 
मोह  छूट जाएगा 
बंधन टूट जाएगा 

 और  तब ......

 शांत, निष्चल - निष्कृत्य हो जाएगा 
 सत्य को पाकर सत्य में खो जाएगा 
 अंततः सत्य ही हो जाएगा 

                                   "डॉक्टर जगदीश सचदेवा"
                                              मिशिगन - यू. एस. ए. 


अबरू           Eyebrows 
आरिज़          Cheeks 
 लब              Lips
निष्कृत्य        Inactive
अंततः           Finally, eventually


1 comment:

हज़ारों ख़ामियां मुझ में हैं - मुझको माफ़ कीजिए

हज़ारों ख़ामियां मुझ में  हैं   मुझको माफ़ कीजिए मगर हुज़ूर - अपने चश्मे को भी साफ़ कीजिए  मिलेगा क्या बहस-मुबाहिसों में रंज के सिवा बिला वजहा न ...