Friday, October 22, 2021

नहिं कोउ अस जनमा जग माहीं

संत तुलसी दास ने कहा है :

          नहिं कोउ अस जनमा जग माहीं
          प्रभुता पाइ  जाहि मद नाहीं

                     (राम चरित मानस - बाल कांड)

अर्थात संसार में कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जिसे प्रभुता - 
यानी शक्ति, प्रसिद्धि और अधिकार प्राप्त होने के बाद अहंकार न हो।

सच तो ये है कि जिसकी जितनी अधिक प्रसिद्धि हो -
जितनी बड़ी शक्ति और अधिकार हो - 
उसका अहंकार भी उतना ही बड़ा होता है।

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