Friday, March 1, 2024

अगर दरिया में हलचल हो

      अगर दरिया में हलचल हो तो कश्ती बच भी सकती है 
      मगर कश्ती में हलचल हो  तो  कश्ती डूब  जाती  है 

शब्दार्थ :
यदि समुद्र में तूफान आ जाए तो संभावना है कि नाव बच सकती है। 
लेकिन अगर नाव में ही तूफान आ जाए - 
अगर नाव के अंदर बहुत हलचल और उथल पुथल होने लगे तो उसका किनारे तक पहुंचना कठिन हो जाएगा।

भावार्थ - व्याख्या : 
ज्ञानी लोग यदि संसार में रहें तो इसमें कोई कठिनाई अथवा नुकसान नहीं है। 
वे दुनिया की अशांति और उथल-पुथल से प्रभावित हुए बिना अपनी आध्यात्मिक यात्रा जारी रख सकते हैं  
और अपनी मंजिल को प्राप्त कर सकते हैं।
लेकिन अगर संसार की दुविधाएं  - दुनिया की उथल-पुथल ज्ञानी के मन में  प्रवेश कर जाती हैं - 
और मन में बनी रहती हैं तो पार उतरना मुश्किल हो सकता है 
तब मोक्ष के लक्ष्य को हासिल करना कठिन हो जाएगा । 
                                                " राजन सचदेव "

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