Tuesday, March 5, 2024

सब से बड़ा वहम

वक़्त अभी तो बहुत पड़ा है 
वहम यही इक सब से बड़ा है 

जाने कब आ जाए बुलावा 
ध्यान मगर दुनिया में जड़ा है 

जो बीजोगे वो ही मिलेगा 
क़ुदरत का ये नियम कड़ा है 

चंगे मंदे सब कर्मों का 
ख़ाता उसके पास पड़ा है 

उस से कुछ भी छुप न सकेगा 
वो - जो सब के साथ खड़ा है 

ब्रह्म का ज्ञान हुआ पर फिर भी 
क्यों वहमों में मन जकड़ा है 

आत्म तत्व को पाकर 'राजन '  
तन का दामन क्यों पकड़ा है 
             " राजन सचदेव " 

19 comments:

  1. 👍👌very nice ji🙏

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  2. वाह वाह - बहुत खूब

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  3. BAHUT HI SUNDER SHAYRI H APJI KI MERE PYARE SANTH JIO 🌹🌹🌹🌹🌹❤️❤️❤️

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  4. Beautiful. 🙏🙏

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  5. Bohot sundar guruji! Loved it ❤️🙌🏻
    Priyal

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  6. Too good...👍
    Ashok Chaudhary

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  7. Atti sunder 🙏🙏🙏🙏🙏👌

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  8. Very nice❤️❤️🙏🙏

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  9. Bahut hee sunder aur shikhshadayak Rachana ji.🙏

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  10. V v v. Nice mahatma ji

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  11. Wah..Very. Nice 🌹

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  12. Very Nice and True 🙏🙏

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  13. Very nice and awakening massage 🙏🏻🙏🏻

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  14. Really enjoyed reading this poem! 👏🏼

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  15. Beautiful Poem with beautiful message 🙏

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Jo Bhajay Hari ko Sada जो भजे हरि को सदा सोई परम पद पाएगा

जो भजे हरि को सदा सोई परम पद पाएगा  Jo Bhajay Hari ko Sada Soyi Param Pad Payega