वक़्त अभी तो बहुत पड़ा है
वहम यही इक सब से बड़ा है
जाने कब आ जाए बुलावा
ध्यान मगर दुनिया में जड़ा है
जो बीजोगे वो ही मिलेगा
क़ुदरत का ये नियम कड़ा है
चंगे मंदे सब कर्मों का
ख़ाता उसके पास पड़ा है
उस से कुछ भी छुप न सकेगा
वो - जो सब के साथ खड़ा है
ब्रह्म का ज्ञान हुआ पर फिर भी
क्यों वहमों में मन जकड़ा है
आत्म तत्व को पाकर 'राजन '
तन का दामन क्यों पकड़ा है
" राजन सचदेव "
🙏💐🌺🪷
ReplyDelete👍👍👍
ReplyDelete👍👌very nice ji🙏
ReplyDeleteवाह वाह - बहुत खूब
ReplyDeleteBAHUT HI SUNDER SHAYRI H APJI KI MERE PYARE SANTH JIO 🌹🌹🌹🌹🌹❤️❤️❤️
ReplyDeleteBeautiful. 🙏🙏
ReplyDeleteBohot sundar guruji! Loved it ❤️🙌🏻
ReplyDeletePriyal
Too good...👍
ReplyDeleteAshok Chaudhary
Atti sunder 🙏🙏🙏🙏🙏👌
ReplyDeleteVery nice❤️❤️🙏🙏
ReplyDeleteBahut hee sunder aur shikhshadayak Rachana ji.🙏
ReplyDeleteV v v. Nice mahatma ji
ReplyDeleteWah..Very. Nice 🌹
ReplyDeleteVery Nice and True 🙏🙏
ReplyDelete🙏🙏
ReplyDeleteVery nice and awakening massage 🙏🏻🙏🏻
ReplyDeleteReally enjoyed reading this poem! 👏🏼
ReplyDeleteThank you Nagrani ji
DeleteBeautiful Poem with beautiful message 🙏
ReplyDelete