Friday, March 22, 2024

जो आँसू फैल कर दरिया हुआ है

जो आँसू फैल कर दरिया हुआ है 
हमारी आँख से टपका हुआ है 

मुक़द्दर में लिखा था जो न मेरे 
वो दाना दांत में अटका हुआ है
           (लेखक : नामालूम)

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                  आवृतं ज्ञानमेतेन ज्ञानिनो नित्यवैरिणा |                   कामरुपेण कौन्तेय दुष्पूरेणानलेन च ||                            ...