हमारी आँख से टपका हुआ है
मुक़द्दर में लिखा था जो न मेरे
वो दाना दांत में अटका हुआ है
(लेखक : नामालूम)
अंधे चश्मदीद गवाह - बहरे सुनें दलील झूठों का है दबदबा - सच्चे होत ज़लील Andhay chashmdeed gavaah - Behray sunen daleel Jhoothon ka hai dabdab...
👌👌👌🙏
ReplyDeleteवाह वाह
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