चले जाते हैं जो दुनिया से - लौट कर नहीं आते
मगर बन के मधुर यादें हमेशा साथ रहते हैं
जुदाई जिस्म से हो सकती है, दिल से नहीं होती
ख़यालों में तो वो अक़्सर हमारे पास रहते हैं
चले जाते हैं बेशक दूर इस दुनिया को छोड़ कर
मगर दिल के नगर में तो सदा आबाद रहते हैं
नहीं आते नज़र आँखों के सामने हमें लेकिन
वो 'साथी" बन के 'राजन" ज़िंदगी भर साथ रहते हैं
" राजन सचदेव "
(सुलेख साथी जी को समर्पित)
Truly a Great Saint Poet Gurusikh Anchor...cordial... Simply Versatile 🥰
ReplyDeleteAmazing saint pooran gursikh great Kavi and writer. He will be missed dearly 🌹🌹
ReplyDeleteSulekh(avid writer) Saathi (everyone's true companion), an iconic as the name itself suggests..... Amen!
ReplyDelete🙏
ReplyDeleteGreat saint 🙏
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