एक आदमी ने एक प्रसिद्ध चर्च के सामने एक नाइट क्लब/बार खोल दिया।
चर्च के पुजारी और वहां आने वाले प्रभु प्रेमियों को ये ठीक नहीं लगा।
प्रतिदिन - प्रवचन एवं धर्मोपदेश के बाद चर्च का पुजारी और सभी सत्संगी मिल कर उस नाइट क्लब के खिलाफ प्रार्थना करते - कि भगवान उस बिज़नेस को फेल कर दें - नाकामयाब कर दें ताकि वे इसे बंद कर दें।
कुछ दिनों के बाद अचानक उस नाइट क्लब पर बिजली गिरी - आग लग गई और वो क्लब पूरी तरह नष्ट हो गया।
नाइट क्लब के मालिक ने चर्च अधिकारियों पर मुकदमा दायर कर दिया - क्योंकि उसकी नज़र में यह उनकी प्रार्थनाओं का परिणाम था।
इस विनाश के लिए चर्च जिम्मेदार था और ये सब उनकी प्रार्थनाओं की वजह से हुआ।
चर्च ने अपनी किसी भी जिम्मेदारी से इनकार करते हुए कहा कि वो किसी भी तरह से इस विनाश के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।
जज ने टिप्पणी करते हुए कहा -
"इस केस पर निर्णय लेना और फैसला सुनाना बहुत कठिन है।
एक तरफ तो हमारे सामने एक नाइट क्लब का मालिक है जिसे प्रार्थना की शक्ति में पूर्ण विश्वास है।
और दूसरी तरफ - एक चर्च है जिसे इस पर कोई विश्वास नहीं -
वो इस बात से इनकार करते हैं कि प्रार्थनाओं का कोई परिणाम हो सकता है या प्रार्थनाओं से कोई तब्दीली आ सकती है।
Wow, uncle ji! No comments
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