शेल्फ पे थीं राम और कृष्ण की मूर्तियां
दीवार पे गुरु नानक की तस्वीर टंगी थी
मेज पे रखी थी बुद्ध की एक प्रतिमा
बाईबल के साथ वहां गीता भी पड़ी थी
ताज़े फूलों का गुलदान भी था मेज़ पर
कोने में एक शेल्फ किताबों से भरी थी
फर्श पे बिछा था एक रेशमी कालीन
कमरे की हर चीज़ करीने से सजी थी
मैंने कहा - भाई साहिब आप धन्य हैं
कितना सुंदर आपने ये घर बनाया है
कितने शौक़ कितनी उमंगों से आप ने
कितनी मेहनत से हर इक कोना सजाया है
एक एक चीज़ है तारीफ़ के क़ाबिल
दिल तो चाहता है देखते ही जाइए
लेकिन वक़्त का तक़ाज़ा भी है सामने
चलिए अब बाकी का घर भी दिखाइये
सुन के मेरी बात वो थोड़ा सकपका गए
ऐसा लगा जैसे हिचकिचा से रहे थे
किचन, डाइनिंग रुम तो दिखा दिया मगर
बैड-रुम दिखलाने में शरमा से रहे थे
झिझकते हुए उन्होंने दरवाज़ा खोला
दृश्य वहां का देख के मैं चौक सा गया
बॉलीवुड हीरोईनों की तस्वीरों से था
कमरा वो सारे का सारा ही भरा हुआ
सामने था इक बड़ा सा आदमक़द फ्रेम
जिस में थी इक नारी की उत्तेजक सी तस्वीर
मेज़ पर इक अर्धनग्न युगल की मूर्ति
और किताबें लैला-मजनू - रांझा और हीर
अब समझ में आया राज़ हिचकिचाहट का
शायद इसलिए ही वो कतरा से रहे थे
सारा घर दिखा दिया था शौक़ से मगर
बैडरुम दिखलाने में शरमा से रहे थे
वापिस आते आते मैं ये सोच रहा था
लिविंग और बैडरुम में कितना फ़र्क़ होता है
क्यों ये जीवन में विरोधाभास रहता है
ज़ाहिर- बातिन में क्यों इतना फ़र्क़ होता है
सामने तो रख लेते हैं फोटो गुरुओं की
दिल में होती हैं मगर तस्वीरें कोई और
गीता और ग्रंथ हैं दिखावे के लिए
पढ़ने के लिए हैं पर किताबें कोई और
चेहरा- जो हम दुनिया को दिखलाते हैं अक़्सर
वो चेहरा असली चेहरा बन जाए तो अच्छा है
ज्ञान - जो हम औरों को समझाते हैं अक़्सर
अपने मन में भी वो बस जाए तो अच्छा है
केवल फोटो रख लेने से फ़र्क़ नहीं पड़ता
केवल सजदों से ही जीवन बदल नहीं सकता
ज़ाहिर और बातिन जब तक एक नहीं होगा
'राजन ' मन में शांति का प्रवेश नहीं होगा
" राजन सचदेव "
ज़ाहिर = प्रत्यक्ष, नुमायां, जो सामने है
बातिन = अंतर्मन, अंतरंग, अंदरुनी, भीतरी, जो दिल में है
Amazing uncle ji
ReplyDeleteGuru kirpa se sum rup ban paiye ji Dhan nirankar mahatma ji 🙏
ReplyDeleteBeautiful writing and thought flow .Brilliant description of dual life we live!!!!
ReplyDeleteThx for writing and sharing
Dr. Jagdish
🙏🙏Thanks ji.jk
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