Sunday, August 27, 2023

बड़ा न छोटा कोई

ख़रीदने को जिसे कम थी दौलत-ए-दुनिया
किसी कबीर की मुट्ठी में वो रतन देखा

बड़ा न छोटा कोई फ़र्क़ बस नज़र का है
सभी पे चलते समय एक सा कफ़न देखा
                         ~ पद्मभूषण डॉ. गोपालदास 'नीरज' ~

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