ऐसा लगता है कि रिश्तों और रास्तों के बीच एक अजीब सा सम्बन्ध होता है
कभी रिश्तों के ज़रिये से रास्ते मिल जाते हैं
और कभी रास्तों में चलते चलते ही रिश्ते बन जाते हैं
कभी ऐसा भी होता है कि :
यूँ ही कोई मिल गया था सरे-राह चलते चलते
और फिर उनके साथ जीवन भर के लिए एक गहरा संबंध बन जाता है।
क्या आपको भी कभी ऐसा अनुभव हुआ है कि
पैदल चलते या बस, ट्रेन अथवा फ्लाइट में यात्रा करते समय अचानक किसी से मुलाकात हो गई
और फिर उनसे जीवन भर के लिए एक गहरा रिश्ता बन गया?
🙏🙏🙏🙏🙏
ReplyDelete👌👌👌👌
ReplyDelete👌🙏🏻 जिसे हम अचानक कहते है विधि के विधान मे वो पहले से ही लिखा होता है जी🙏🏻🙏🏻🙏🏻
ReplyDeleteThanks
Delete🙏🙏
ReplyDelete🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ReplyDelete🙏🙏
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