कल अगर फ़ुर्सत न मिली तो क्या करोगे ?
कोई भी मोहलत न मिली तो क्या करोगे ?
रोज कहते हैं - कि कल से सुमिरन करेंगे
कल अगर आँख ही न खुली तो क्या करोगे ?
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कल करे सो आज कर - आज करे सो अब
पल में प्रलय होएगी - तो फिर करेगा कब?
मोहलत = समय
प्रलय = अंत
🙏🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteOne of the best and timeless advice🙏🙏🙏🙏
ReplyDelete🙏🙏
ReplyDeleteHanji bilkul sahi
ReplyDeleteAbsolutely right ji. Bahut hee uttam advice ji. 🙏
ReplyDeleteWell said.
ReplyDelete🙏🙏
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