वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
अर्थ:
विशाल काया और वक्र (मुड़ी हुई ) सूंड वाले - करोड़ों सूर्यों के बराबर तेज वाले
हे देव, मेरे सभी कर्मों - उपक्रमों को बाधाओं से मुक्त करें -
अपने आशीर्वाद के द्वारा हमारे सभी कार्यों और क्रियाकलापों सदैव मुक्त रखें।
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भावार्थ :
भगवान गणेश भौतिकता और आध्यात्मिकता - दोनों के मिलन का प्रतिनिधित्व करते हैं।
विशाल मटके जैसा पेट - प्रचुर भौतिक संपदा का प्रतिनिधित्व करता है।
विशाल हाथी का सिर - ज्ञान और दिव्यता का प्रतीक है।
विशाल सिर विशाल मस्तिष्क का प्रतिनिधित्व करता है - जिसका अर्थ है अधिक बुद्धि - अधिक ज्ञान और विवेक शक्ति ।
भारतीय पौराणिक कथाओं में हाथी को दिव्य एवं दैवी शक्तियों - अर्थात सहानुभूति करुणा और ज्ञान से भरपूर माना जाता है।
(स्वर्ग में इंद्र के पास एक दिव्य हाथी है जिसका नाम एरावत है)
हाथी अपना भोजन अपनी सूंड से ढूंढते हैं। जो हमेशा इधर उधर मुड़ती अथवा घूमती रहती है।
गणेश जी की छवि में घुमावदार सूंड इच्छाओं, भावनाओं, एवं इरादों आदि का प्रतिनिधित्व करती है।
हमारी इच्छाओं और प्राथमिकताओं की दिशा अक़्सर बदलती रहती हैं। हमेशा कुछ न कुछ ढूंढ़ती रहती हैं।
बड़ी दिलचस्प बात है कि घरों में रखी मूर्तियों अथवा तस्वीरों में भगवान गणेश की सूंड बाईं ओर झुकी रहती है - जो मस्तिष्क के बजाय दिल की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं - सांसारिक धन सम्पदा और वैभव की इच्छा दर्शाती है।
लेकिन कई मंदिरों में, विशेषकर महाराष्ट्र के कुछ मंदिरों में उनकी सूंड दाहिनी ओर मुड़ी होती है - अर्थात मस्तिष्क के दाहिने भाग - जो गहरी सोच - ज्ञान एवं विवेक का प्रतीक है।
इस प्रकार - बाईं ओर इंगित करने वाली सूंड का अर्थ है मन की इच्छाएं - धन, वैभव विलासिता और सांसारिक प्रसन्नता इत्यादि।
दाहिनी ओर इंगित करने वाली सूंड का अर्थ है सत्य-वास्तविकता-आध्यात्मिक ज्ञान को जानने की प्रवृत्ति और लालसा।
भगवान गणेश की अधिकांश छवियों और मूर्तियों में सूंड बाईं ओर इशारा करती है - जो अधिकांश लोगों और यहां तक कि अधिकांश भक्तों की भी इच्छाओं का प्रतिनिधित्व करती है - जो अधिक से अधिक सांसारिक धन और वैभव प्राप्त करना चाहते हैं।
आइए - इस गणेश चतुर्थी पर प्रार्थना करें कि हमारी प्राथमिकताएं और झुकाव सही दिशा की ओर हो - वास्तविक आध्यात्मिक पक्ष की ओर हो
अज्ञानता से परे - ज्ञान और बुद्धिमत्ता की ओर हमारा झुकाव बढ़े ।
" राजन सचदेव "
शुभ गणेश चतुर्थी
Bahut hi badhiya hai ji
ReplyDeleteDhan Nirankar ji
Dhan Nirankar ji
ReplyDeleteGyan karm mei dhal Jaye to jeevan ka sringar bane wah ji wah Dhan Nirankar ji 🙏
ReplyDeleteBeautiful 🙏🙏
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