Monday, September 25, 2023

रिश्तों और रास्तों का रिश्ता

ऐसा लगता है कि रिश्तों और रास्तों के बीच एक अजीब सा सम्बन्ध होता है 
कभी रिश्तों के ज़रिये से रास्ते मिल जाते हैं 
और कभी रास्तों में चलते चलते ही रिश्ते बन जाते हैं 

कभी ऐसा भी होता है कि :
यूँ ही कोई मिल गया था सरे-राह चलते चलते 
और फिर उनके साथ जीवन भर के लिए एक गहरा संबंध बन जाता है।   

क्या आपको भी कभी ऐसा अनुभव हुआ है कि 
पैदल चलते या बस, ट्रेन अथवा फ्लाइट में यात्रा करते समय अचानक किसी से मुलाकात हो गई
और फिर उनसे जीवन भर के लिए एक गहरा रिश्ता बन गया? 

7 comments:

  1. 👌🙏🏻 जिसे हम अचानक कहते है विधि के विधान मे वो पहले से ही लिखा होता है जी🙏🏻🙏🏻🙏🏻

    ReplyDelete
  2. 🙏🙏🙏🙏🙏🙏

    ReplyDelete

वाद-विवाद में समय नष्ट न करें

वाद-विवाद में अपना समय नष्ट न करें।  हर बार अपने आप को सही साबित करना आवश्यक नहीं होता।  कभी कभी शांति और सौहार्द का वातावरण बनाए रखने के लि...