Monday, December 23, 2019

ज़लज़लों के ख़ौफ़ से क्या घर बनाना छोड़ दें

हादसों की ज़द पे हैं तो मुस्कुराना छोड़ दें ?
ज़लज़लों के ख़ौफ़ से क्या घर बनाना छोड़ दें ?

तुम ने मेरे घर न आने की क़सम खाई तो है
आँसुओं से भी कहो आँखों में आना छोड़ दें

ओ प्यार के दुश्मन - कभी प्यार से कह के तो देख
एक तेरा दर ही क्या, हम तो ज़माना छोड़ दें

घोंसले वीरान हैं - अब वो परिंदे ही कहाँ
इक बसेरे के लिए जो आब-ओ-दाना छोड़ दें
                                               (लेखक - अज्ञात)



Haadson kee zad pay hain to muskuraana chhod dain?
Zalzalon kay khauf say kya ghar banaana chhod dain?

Tum nay meray ghar na aanay ki kasam khaai to hai
Aansuon say bhi kaho aankhon mein aana chhod dain

O' Pyaar kay dushman, kabhi pyaar say keh kay to dekh
Ek teraa dar hi kyaa, hum to zamaana chhod dain

Ghonslay veeraan hain, ab vo parinday hee kahaan
Ik baseray kay liye ji aabo-daana chhod dain
                                                            (Writer Unknown) 

Haadson kee zad pay  =  At the verge of incidence 
Zalzalay                         =   Earthquake 
Aabo-daana                  =  Water & food 





1 comment:

  1. Bahut Khoob
    ओ प्यार के दुश्मन - कभी प्यार से कह के तो देख
    एक तेरा दर ही क्या, हम तो ज़माना छोड़

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