Thursday, December 5, 2019

सुब्ह-ए-सादिक़ मुझे मतलूब है Subah-e-Saadiq mujhay Matloob hai

सुब्ह-ए-सादिक़ मुझे मतलूब है किस से माँगूँ
तुम तो भोले हो  - चिराग़ों से बहल जाओगे 


Subah-e-saadiq mujhay matloob hai kis say maangoon 
Tum to bholay ho chiraagon say behal  jaaogay
                                      (Iqbal Azeem)
                                                ~~~
My search is for the bright rising sun of the morning, who should I ask for it?
You are simplistic and innocent - you can be pleased with feeble candles. 
          

1 comment:

  1. "तुम तो भोले हो - चिराग़ों से बहल जाओगे". How true.

    ReplyDelete

दर्पण के सामने - भगवान कृष्ण

एक बार, भगवान कृष्ण आईने के सामने खड़े थे अपने बालों और पोशाक को ठीक कर रहे थे। वह अपने सिर पर विभिन्न मुकुटों को सजा कर देख रहे थे और कई सु...