Wednesday, September 19, 2018

हक़ीक़त ख़ुद को मनवा लेती है Haqeeqat khud ko manvaa laiti hai

बुलन्दी चाहिए इन्सान की फितरत में पोशीदा 
कोई भी भेस हो - शाने -सुल्तानी नही जाती
सदाक़त हो तो दिल सीनों से खिंचने लगते हैं वाइज़
हक़ीक़त ख़ुद को मनवा लेती है मानी नही जाती
                            ~ जिगर मुरादाबादी ~ 

Bulandi chaahiye insaan ki fitarat mein posheedaa
Koyi  bhee bhais ho - shaan-e-sultaanee nahin jaati
Sadaaqat ho to dil seenon say khinchnay lagtay hain Waaiz
Haqeeqat khud ko manvaa laiti hai maanee nahin jaati
                                            ~ Jigar Muradabadi ~

Posheedaa       -           Hidden, Comprised, Contained within,
Bulandi            -           Height 
Fitarat               -           Nature 
वाइज़  Waaiz    -           Maulavi, Preacher, Priest       

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