आज सुबह अचानक मिर्ज़ा ग़ालिब की ग़ज़ल का एक शेर याद आ गया।
" बे दरो-दीवार सा इक घर बनाया चाहिए "
आजकल के हालात को देखते हुए ख़्याल आया कि अगर हम वो पुराना
युग वापिस लाना चाहते हैं - तो हमें भी कुछ
"ऐसे दरो -दीवार का इक घर बनाना चाहिए "
तो ज़हन में ये नज़्म उतरती चली गई :
-----
सदाक़त और दयानतदारी
की ईंटों से बनी
बुनियाद पर,
टिकी हो इक ऐसी
एमाल की इमारत
जिस की दरो दीवार से
छलकती हों
मुहब्बत और
ईसार की किरणें,
जिस की दहलीज पर
फ़रेब और ऐय्यारी के
कारोबार न हों ,
महज़ ख़लूस से होती हो -
मोहब्बत की तिजारत
नफरत की ज़ंग-आसूदा
चिटकनी जहां
दरवाज़ों पर न हो,
हसद-आमेज़ हवा का
जहां कोई गुज़र न हो,
अना की ऊँची ऊँची
आसमां को छूती
वहां कोई छतें न हों,
हिरसो-हवा या रश्क की
गर्मी न हो वहां -
महसूस हो हवा में
मोहब्बत की हरारत
मिल के 'राजन ' सब को
ऐसा घर बनाना चाहिए
फिर से अगर वो सुनहरा
वक़्त पुराना चाहिए
'राजन सचदेव '
18 सितंबर 2018
सदाक़त सच्चाई Truthfulness
दयानतदारी ईमानदारी Honesty
एमाल कर्म Deeds
ईसार त्याग Sacrifice
फ़रेब धोखा Cheating
अय्यारी चालाकी, धूर्तता Cleverness, Cunning,
ख़लूस शुद्ध Pure
तिजारत व्यापर लेन-देन Business, Give & take
ज़ंग-आसूदा ज़ंग लगा हुआ Rusted
चिटकनी कुंडी lock
हसद-आमेज़ ईर्ष्या Filled with jealousy
अना अहंकार Ego
हिरसो-हवा लोभ-वासना Greed & lust
रश्क प्रतियोगिता का भाव Competition
हरारत गर्मी Warmth
" बे दरो-दीवार सा इक घर बनाया चाहिए "
आजकल के हालात को देखते हुए ख़्याल आया कि अगर हम वो पुराना
युग वापिस लाना चाहते हैं - तो हमें भी कुछ
"ऐसे दरो -दीवार का इक घर बनाना चाहिए "
तो ज़हन में ये नज़्म उतरती चली गई :
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सदाक़त और दयानतदारी
की ईंटों से बनी
बुनियाद पर,
टिकी हो इक ऐसी
एमाल की इमारत
जिस की दरो दीवार से
छलकती हों
मुहब्बत और
ईसार की किरणें,
जिस की दहलीज पर
फ़रेब और ऐय्यारी के
कारोबार न हों ,
महज़ ख़लूस से होती हो -
मोहब्बत की तिजारत
नफरत की ज़ंग-आसूदा
चिटकनी जहां
दरवाज़ों पर न हो,
हसद-आमेज़ हवा का
जहां कोई गुज़र न हो,
अना की ऊँची ऊँची
आसमां को छूती
वहां कोई छतें न हों,
हिरसो-हवा या रश्क की
गर्मी न हो वहां -
महसूस हो हवा में
मोहब्बत की हरारत
मिल के 'राजन ' सब को
ऐसा घर बनाना चाहिए
फिर से अगर वो सुनहरा
वक़्त पुराना चाहिए
'राजन सचदेव '
18 सितंबर 2018
सदाक़त सच्चाई Truthfulness
दयानतदारी ईमानदारी Honesty
एमाल कर्म Deeds
ईसार त्याग Sacrifice
फ़रेब धोखा Cheating
अय्यारी चालाकी, धूर्तता Cleverness, Cunning,
ख़लूस शुद्ध Pure
तिजारत व्यापर लेन-देन Business, Give & take
ज़ंग-आसूदा ज़ंग लगा हुआ Rusted
चिटकनी कुंडी lock
हसद-आमेज़ ईर्ष्या Filled with jealousy
अना अहंकार Ego
हिरसो-हवा लोभ-वासना Greed & lust
रश्क प्रतियोगिता का भाव Competition
हरारत गर्मी Warmth
......... jis makaan main, main rehta hun us se ghar kr de ..
ReplyDeleteBeautiful words ... wonderful poem
Bahut Khoob.
ReplyDeleteVery nice
ReplyDeleteVery beautiful Rajan ji
ReplyDeleteI wish to emulate every word of it in me