जब जहाँ में किसी माल ओ ज़र वाले ने
अपनी झूठी खुदाई का दावा किया
तो मौत ने यूँ कहा कोई छोटा बड़ा
मेरे पंजे से बच कर कहाँ जाएगा
करने चला था ख़ाक़ जब सारे जहान को
तो ख़ाक़ के ज़र्रे ने उस से हँस के यूँ कहा
दफ़्न हो जाएगा तू ख़ाक़ में एक दिन
ओ सिकंदर तू बच कर कहाँ जाएगा
अपनी झूठी खुदाई का दावा किया
तो मौत ने यूँ कहा कोई छोटा बड़ा
मेरे पंजे से बच कर कहाँ जाएगा
करने चला था ख़ाक़ जब सारे जहान को
तो ख़ाक़ के ज़र्रे ने उस से हँस के यूँ कहा
दफ़्न हो जाएगा तू ख़ाक़ में एक दिन
ओ सिकंदर तू बच कर कहाँ जाएगा
Very true
ReplyDeleteVery nice ji
ReplyDeleteBeautiful! Humble Dhan Nirankar at your lotus feet, Uncle.
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