Friday, November 3, 2017

बच कर कहाँ जाएगा

जब जहाँ में किसी माल ओ ज़र वाले ने 
                         अपनी झूठी खुदाई का दावा किया 
तो मौत ने यूँ कहा कोई छोटा बड़ा
                         मेरे पंजे से बच कर कहाँ जाएगा 

करने चला था ख़ाक़ जब सारे जहान को
              तो ख़ाक़ के ज़र्रे ने उस से हँस के यूँ कहा
दफ़्न हो जाएगा तू ख़ाक़ में एक दिन
             ओ सिकंदर तू बच कर कहाँ जाएगा



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न समझे थे न समझेंगे Na samjhay thay Na samjhengay (Neither understood - Never will)

न समझे थे कभी जो - और कभी न समझेंगे  उनको बार बार समझाने से क्या फ़ायदा  समंदर तो खारा है - और खारा ही रहेगा  उसमें शक्कर मिलाने से क्या फ़ायद...