Sunday, May 9, 2021

सकारात्मक सोच

कल किसी ने मुझे बताया कि उनके एक मित्र की माता जी COVID-19 की शिकार हो गईं और जाँच करवाने पर उन्हें पता चला कि उनके फेफड़ों का 90 % हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है।

लेकिन परिवार वालों ने उन्हें बताया कि उनके 10% फेफड़े खराब हो गए हैं और वे सिर्फ एहतियात के लिए उन्हें कुछ दिनों के लिए अस्पताल में रखना चाहते हैं।
माता जी सहमत हो गयीं।
उनके नाक और मुँह पर ऑक्सीजन मास्क लगाया गया लेकिन वास्तविक स्थिति से अनजान होने के कारण वह बिल्कुल भी नहीं घबराई - न ही चिंतित हुईं। वह सारा दिन हंसती और खुश रहती थीं और अपनी बीमारी के बारे में ज्यादा नहीं सोचती थीं।
सब उन्हें कहते रहे कि उनकी हालत में बहुत सुधार हो रहा है - और जल्दी ही पूरी तरह स्वस्थ हो जाएंगी।
माता जी को भी पूरा विश्वास हो गया था कि वह बहुत जल्दी ठीक हो कर अपने घर चली जाएंगी। ।
कुछ ही दिनों में वह पूरी तरह से स्वस्थ हो गई।
जब वह घर आई तो उन्होंने उसे बताया गया कि वास्तव में उसके फेफड़े दस प्रतिशत नहीं - बल्कि 95 प्रतिशत खराब हो गए थे।

शास्त्र कहते हैं कि हमारे शरीर पर मन का बहुत प्रभाव होता है।
एक सकारात्मक मन शरीर को स्वस्थ रखने - और बीमार होने पर रोग निवारण और पुनः स्वस्थ होने की प्रक्रिया को तेज़ करने में मदद कर सकता है।
दूसरी ओर, हर समय लगातार नकारात्मक विचार रखने से शारीरिक स्थिति खराब हो सकती है और immunity अर्थात शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली भी कमजोर हो जाती है - शरीर में रोगों से लड़ने की प्राकृतिक क्षमता कम हो जाती है।

मुझे याद है कि बाबा अवतार सिंह जी कहा करते थे कि एक तगड़ा और सबल घोड़ा एक पुरानी टूटी फूटी गाड़ी को भी कच्चे और कीचड़ से भरे रास्ते से खींच कर ले जाता है - लेकिन एक पुराना बीमार घोड़ा एक नई गाड़ी को - पक्की सड़क पर भी अच्छी तरह से नहीं खींच सकता।
यह प्रमाण - ये मिसाल देकर वह कहते थे कि शरीर तांगा है, गाड़ी है - और मन घोड़ा है। 
और फिर इस बात पर जोर देते थे कि अपने मन को स्थिर और मजबूत रखो।
सर्वशक्तिमान निरंकार में पूर्ण विश्वास रखो - और हर वक़्त अच्छा सोचो - शुभ अर्थात सकारात्मक सोच रखो - क्योंकि हमारा मन हमारे शरीर और हमारे आसपास के वातावरण को प्रभावित करता है।

इसलिए - सकारात्मक रहें - और अपने आस पास भी सकारात्मकता ही फैलाएं।
                                                     ' राजन सचदेव '

2 comments:

Jab tak saans chalti hai - As long as the breath continues

      Uthaana khud hee padta hai thakaa toota badan 'Fakhri'       Ki jab tak saans chalti hai koi kandhaa nahin detaa              ...