Friday, April 26, 2019

कोई और क्या जाने Koi aur kya jaanay

                                            Scroll down for the Roman script

तेरी ख़ामोशियों के राज़ को कोई और क्या जाने
अगर तुम न बताओगे तो कोई और क्या जाने

कहोगे तुम ज़ुबाँ से जो वही तो लोग समझेंगे 
तुम जो दिल में सोचते हो कोई और क्या जाने 

जो आंसू आँख से टपका वो सब ने देखा है लेकिन 
छुपा हुआ है दिल में दर्द जो, कोई और क्या जाने 

किसी के आंसुओं का राज़ कोई और क्या समझे 
किसी के दर्द की शिद्द्त को कोई और क्या जाने 

किसी को मशवरा देना बहुत आसान है 'राजन '
गुज़रती है किसी पे क्या वो कोई और क्या जाने 
                                " राजन सचदेव "

Teri khamoshiyon kay raaz ko koyi aur kya jaanay
Agar tum na bataogay to  koyi aur kya jaanay

Kahogay tum zubaan say jo vahi to log samjhengay
Tum jo dil me sochtay ho koi aur kya jaanay

Jo aansu aankh say tapkaa vo sab nay dekha hai lekin 
Chhupa huaa hai dil mein dard jo, koyi aur kya jaanay

Kisi kay aansuon ka raaz koi aur kya samjhay
Kisi kay dard kee shiddat ko koyi aur kya jaanay

Kisi ko mashwaraa denaa bahut aasaan hai 'Rajan'
Guzartee hai kisi pay kya vo koyi aur kya jaanay
                                      " Rajan Sachdeva"

Shiddat                Intensity
Mashwaraa           Advice
 (After visiting a close family - who is going through some rough time due to the sickness of their son)

5 comments:

  1. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  2. Wonderful and heart touching ghazal Guruji. Sometimes we want people to understand us without having to say it, especially our loved ones... But that's too much of an expectation of others.

    ReplyDelete
  3. True!! so true!!
    Dr. J. S.

    ReplyDelete
  4. Really true...

    ReplyDelete

हज़ारों ख़ामियां मुझ में हैं - मुझको माफ़ कीजिए

हज़ारों ख़ामियां मुझ में  हैं   मुझको माफ़ कीजिए मगर हुज़ूर - अपने चश्मे को भी साफ़ कीजिए  मिलेगा क्या बहस-मुबाहिसों में रंज के सिवा बिला वजहा न ...