Saturday, April 13, 2019

धीरे धीरे राह पे चलते रहिये Dheeray dheeray raah pay chaltay rahiye

हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये
ज़िन्दगी भोर है सूरज से निकलते रहिये 

एक ही ठांव पे ठहरेंगे तो थक जायेंगे
धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये 

आपको ऊँचे जो उठना है तो आंसू की तरह
दिल से आँखों की तरफ हँस के उछलते रहिये 

शाम को गिरता है तो सुबह संभल जाता है
आप सूरज की तरह गिर के संभलते रहिये 

प्यार से अच्छा नहीं कोई भी सांचा ऐ 'कुँअर'
मोम बनके इसी सांचे में पिघलते रहिये
                     ||  कुँअर बेचैन || 

Ho kay maayoos - na yun shaam say dhaltay rahiye 
Zindagi bhor hai - sooraj say nikaltay rahiye

Ek hi paaon pay theharenge to thak jaayenge
Dheeray dheeray hi sahi raah pay chaltay rahiye

Aapko oonchay jo uthnaa hai to aansu ki tarah
Dil say aankhon ki taraf hans kay uchhaltay rahiye

Shaam ko girtaa hai to subah sambhal jaata hai
aap sooraj ki tarah gir kay sambhaltay rahiye

Pyaar say achhaa nahin koi bhi saancha ae 'kunvar'
Mom ban kay isi saanchay me pighaltay rahiye
                              " Ku'ar Bechain '

Bhor -               Morning

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