Friday, April 19, 2019

पुण्य क्या है

पुण्य के नाम पर किया जाने वाला ऐसा कोई भी कार्य महान नहीं कहा जा सकता जो दूसरों के लिए लाभकारी न हो -
जिस से किसी और को कोई लाभ न हो
चाहे हम कितना भी समय उपवास में बिताएं, या कंद मूल खाएँ - 
चाहे उमर भर ज़मीन पर सोते रहें - अपने शरीर को कष्ट देते रहें -
दीन दुखियों के लिए भाषण देते रहें - उनके दुःख में  गीत गा गा कर रोते रहें  --
यदि हम दूसरों के लिए कोई अच्छा काम नहीं करते तो ये सब व्यर्थ है - तो हम कुछ भी महान नहीं कर रहे। 
धर्म के नाम पर किया हुआ ऐसा कोई भी कार्य जिस से किसी दूसरे का कोई फ़ायदा न हो - पुण्य नहीं कहला सकता। 
स्वार्थ से रहित - निःस्वार्थ भाव से दूसरों के लिए किया गया कार्य ही पुण्य कहलाने का अधिकारी है।  

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Jo Bhajay Hari ko Sada जो भजे हरि को सदा सोई परम पद पाएगा

जो भजे हरि को सदा सोई परम पद पाएगा  Jo Bhajay Hari ko Sada Soyi Param Pad Payega