शब्दों को कोई स्पर्श नहीं कर सकता
पर शब्द सभी को स्पर्श कर जाते हैं
No one can touch the spoken words
But the spoken words can touch everyone
No one can touch the spoken words
But the spoken words can touch everyone
हज़ारों ख़ामियां मुझ में हैं मुझको माफ़ कीजिए मगर हुज़ूर - अपने चश्मे को भी साफ़ कीजिए मिलेगा क्या बहस-मुबाहिसों में रंज के सिवा बिला वजहा न ...
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