Sunday, July 22, 2018

हम सब कुछ बदल लेते हैं .......

हम घर बदल लेते हैं  
                लिबास बदल लेते हैं  
दोस्त बदल लेते हैं 
               रिश्ते बदल लेते हैं 
काम बदल लेते हैं 
             गुरु भी बदल लेते हैं 
लेकिन फिर भी परेशान रहते हैं 
              क्यों ?
क्योंकि हम स्वयं को नहीं बदलते 

5 comments:

झूठों का है दबदबा - Jhoothon ka hai dabdabaa

अंधे चश्मदीद गवाह - बहरे सुनें दलील झूठों का है दबदबा - सच्चे होत ज़लील Andhay chashmdeed gavaah - Behray sunen daleel Jhoothon ka hai dabdab...