Thursday, July 26, 2018

ग़रज सजदा कराती है Garaz Sajdaa Karaati Hai

कोई जन्नत का तालिब है, कोई ग़म से परेशाँ है !
ग़रज सजदा कराती है, इबादत कौन करता है !!
                                                     (अज्ञात )

Koi jannat ka taalib hai, koi gham say preshaan hai 
Garaz sajdaa karaati hai, ibaadat kaun kartaa hai 
                                                    (Unknown)

No comments:

Post a Comment

न समझे थे न समझेंगे Na samjhay thay Na samjhengay (Neither understood - Never will)

न समझे थे कभी जो - और कभी न समझेंगे  उनको बार बार समझाने से क्या फ़ायदा  समंदर तो खारा है - और खारा ही रहेगा  उसमें शक्कर मिलाने से क्या फ़ायद...