Tuesday, April 23, 2024

बाहरी अनुष्ठान और क्रियाएं अज्ञान को नष्ट नहीं कर सकते

"बाहरी अनुष्ठान और क्रियाएं अज्ञान को नष्ट नहीं कर सकते -
क्योंकि वे परस्पर विरोधाभासी नहीं हैं।" 
"अनुभूत ज्ञान ही अज्ञान को नष्ट करता है..."
"प्रश्नोत्तर के अलावा किसी अन्य माध्यम से ज्ञान प्राप्त नहीं किया जा सकता।"
                  (आदि शंकराचार्य द्वारा रचित शतपदी के कुछ अंशों का अनुवाद)

उपरोक्त उक्ति अथवा वक्तव्य के दो भाग हैं।

पहला - अज्ञान से अज्ञान का नाश नहीं हो सकता। 
एक अज्ञान को किसी दूसरे प्रकार के अज्ञान से बदल लेने का अर्थ यह नहीं है कि हमने सत्य का ज्ञान - या आत्मज्ञान प्राप्त कर लिया है।
एक भ्रम को छोड़ कर किसी दूसरे भ्रम को पाल लेने से अज्ञान नहीं मिट जाता। 
ज्ञान का अर्थ है हर प्रकार की अज्ञानता - भ्रम, गलत धारणाएं और अंधविश्वास की समाप्ति। 

दूसरा - जिज्ञासा और समीक्षा ही ज्ञान प्राप्ति का एकमात्र साधन है। 
अर्थात सत्य का ज्ञान केवल अनुसंधान - यानी तहक़ीक़ात - प्रश्नोत्तर और जाँच-पड़ताल के माध्यम से ही होता है। 
पूर्ण रुप से संतुष्ट होने तक जिज्ञासु के मन में प्रश्न उठना स्वाभाविक ही है।  
पूरी तरह से संतुष्ट होने तक हर चीज पर सवाल उठाना मानवीय जीवन की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। 
यदि मन में कोई शंका हो - कोई प्रश्न हो तो किसी ज्ञानी महांपुरुष महात्मा से उस शंका का समाधान करवा लेना ही उचित है।  

ज्ञान का अर्थ है - सत्य की अनुभूति। 

भगवान बुद्ध ने कहा: "सिर्फ इसलिए विश्वास मत करो क्योंकि मैं यह बात कह रहा हूं।"

भगवान कृष्ण कहते हैं: "परिप्रश्नेन सेवया" (भगवद गीता  4-34)
"सेवा भाव से - श्रद्धा पूर्वक प्रश्न के द्वारा ज्ञान प्राप्त करो "

मैंने स्वयं शहंशाह बाबा अवतार सिंह जी को यह कहते सुना है कि:
मेरी बात पर सिर्फ इसलिए विश्वास न करो क्योंकि मैं कह रहा हूं।
मेरी बातों को ध्यान से सुनो - उनका विश्लेषण करो - धर्म ग्रंथो और शास्त्रों से मिलाओ। 
अगर तसल्ली हो जाए - यदि आप संतुष्ट हो जाओ  - तब स्वीकार करना - तब इन बातों को सच मान कर अपने जीवन में अपना लेना।
एक ज्ञानी के मन में अज्ञान, भ्रम या अंध विश्वास के लिए कोई स्थान नहीं  होता।
                                             " राजन सचदेव "

1 comment:

Look for three things - तीन चीजें देखने की कोशिश करें

"Look for three things in a person -  Intelligence,  Energy, and  Integrity.  If they don't have the last one,           don't ...