लगता है कि हर व्यक्ति के पास हर समस्या का समाधान होता है -
लेकिन ऐसी समस्या - जो अपनी नहीं - किसी और की हो
औरों को समझाना - हर बात में सलाह मशविरा देना बहुत आसान होता है -
"अजी क्या फ़र्क़ पड़ता है - ऐसी छोटी छोटी बातों से घबराया न करो - इन्हें दरगुज़र कर दिया करो - आशावादी रहो - मस्त रहो - जीवन का आनंद लो " - इस तरह की बातें कह के हम अक़्सर औरों की समस्याओं को टालने का यत्न करते हैं - उन्हें समझाने की कोशिश करते हैं।
लेकिन अगर वही बात - वही घटना हमारे साथ हो जाए तो हमारी सोच - हमारा व्यवहार बदल जाता है।
जो लोग अक़सर दूसरों को दरगुज़र करने और आशावादी बने रहने की सलाह और प्रेरणा दिया करते हैं - अगर वही बात उनके साथ हो जाए तो फिर वही लोग ये कहते हुए पाए जाते हैं कि " ये तो ठीक नहीं है - ऐसा तो नहीं होना चाहिए -- ये तो सरासर बेइंसाफ़ी है" इत्यादि।
होना तो ये चाहिए कि - जो दूसरों को कहते हैं - वही बात - वही सोच अपने लिए भी होनी चाहिए।
या तो हम भी वही करें जो दूसरों को करने के लिए कहते हैं -
या फिर - जैसा अपने लिए चाहते हैं - ठीक वैसा ही दूसरों के लिए भी सोचना और माँगना चाहिए।
हम अपना अपमान तो सहन नहीं कर सकते -
अपने लिए तो हर किसी से आदर और सत्कार की अपेक्षा रखते हैं लेकिन किसी दूसरे का आदर सत्कार होते नहीं देख सकते - किसी और की प्रशंसा सहन नहीं कर सकते। और ईर्ष्यावश उसे रोकने का प्रयास करते हैं।
हक़ीक़त तो ये है कि हर इन्सान को अपने जैसा समझना ही इन्सानियत है।
इन्सानियत का अर्थ है - किसी से भी - किसी भी प्रकार का भेदभाव न रखते हुए हर इन्सान को ठीक अपने जैसा ही समझना और उन्हें यथोचित प्रेम और आदर देना।
" राजन सचदेव "
सही है जी लेकिन हर वर्ग में हर संस्था में होता तो यही है
ReplyDeleteबड़े लोग अपने से छोटे लोगों को ऊपर उठने ही नहीं देते
कोई उनको छोड़ किसी और की प्रशंसा करे तो नाराज़ हो जाते हैं
Bless me that I 🙏 May treat everyone the same way which I want for myself.
ReplyDeleteAgreed 🤝 Hzur behave as we like love all hate none it's the essence of Humanity 🌺 Keep spreading the fragrance of spirituality among masses Rev. Saint Rajan ji
ReplyDeleteThank you
DeleteThanks very true 🙏
ReplyDeleteआपका मार्गदर्शन ,सकारात्मक विचार और विभिन्न विषयों पर लिखे हुए प्रेरणादाई लेख, मुझे निरंतर मार्गदर्शन करते हैं .
ReplyDeleteइस जीवन में आपका सानिध्य मिला, प्रत्यक्ष और परोक्ष मार्गदर्शन मिल रहा है, इसके लिए आपका, गुरु तत्व का और निराकार परमात्मा का, हृदय की गहराइयों से शुकराना है, यूं ही हमारे सर पर आपका हाथ सदैव बना रहे
यही प्रार्थना😊🙏
नमन आपके चरणों में!
🙏🙏
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