कितने आश्चर्य की बात है कि --
महात्मा बुद्ध ने शांति की तलाश में महल और ऐश्वर्य का त्याग कर दिया ...
और हम ........
महलों और ऐश्वर्य की तलाश में
शांति का त्याग कर रहे हैं .. !!
जो भजे हरि को सदा सोई परम पद पाएगा Jo Bhajay Hari ko Sada Soyi Param Pad Payega
Very true
ReplyDeleteWell said. Something to think about. I think we don’t have leave ‘Mahal’ but we can certainly give priority to and work hard for Peace.
ReplyDeleteyes --
DeleteTrue 🙏🏿
ReplyDelete🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteBeautiful
ReplyDeleteBeautiful
ReplyDeleteThis is so true 👍
ReplyDeleteमन में हो शांति,
ReplyDeleteतो दूर हो सब भ्रान्ति।
Also Kabir ji said:
ReplyDeleteगो-धन, गज-धन, वाजि-धन और रतन-धन खान।
जब आवत संतोष-धन, सब धन धूरि समान ॥
Well said
ReplyDelete🙏🙏🙏🙏
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