Sunday, January 20, 2019

सुमिरन कैसे करना चाहिए?

एक बार किसी ने भापा राम चन्द जी से पूछा :
सुमिरन क्या बैठ कर करना चाहिए या किसी भी अवस्था में - चलते फिरते या लेटे हुए भी किया जा सकता है?
उन्हों ने कहा -
आप मुँह मे मिश्री (Sugar cubes) डालकर चाहे चलें , चाहे बैठ जाएं या लेट जाएँ - मिश्री आपको मिठास देती रहेगी - 
आपका मुँह मीठा ही रहेगा। बैठने या चलने फिरने से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा - सिर्फ मिश्री आपके मुँह में रहनी चाहिए। 
इसी प्रकार सुमिरन है। जिस तरह मिश्री का काम मिठास देना है, उसके लिए किसी ख़ास पोजीशन में होने की ज़रूरत नहीं है
इसी तरह हम चाहे जिस स्थिति मे भी हों - चलते-फिरते, उठते-बैठते, खाते-पीते, अर्थात हर पोजीशन एवं हर स्थिति में ही सुमिरन हमें शांति प्रदान करेगा। और जितना ज़्यादा सुमिरन करेंगे, उतनी ही ज़्यादा शांति महसूस होगी। 
इसलिए हमारी कोशिश होनी चाहिये कि हम जिस स्थिति मे भी हों - सुमिरन करते रहें। 
                               ' राजन सचदेव '

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Jo Bhajay Hari ko Sada जो भजे हरि को सदा सोई परम पद पाएगा

जो भजे हरि को सदा सोई परम पद पाएगा  Jo Bhajay Hari ko Sada Soyi Param Pad Payega