अपनी माँ की मृत्यु के बाद, एक व्यक्ति अपने पिता को वृद्ध आश्रम में छोड़ आया।
क़रीब एक साल के बाद, एक दिन अचानक उसे वृद्ध आश्रम से फोन आया कि आपके पिता बहुत गंभीर हालत में हैं। एक बार उनसे मिलने के लिए आ जाओ। वह वृद्ध आश्रम गया तो उसने देखा कि उसका पिता बहुत ही नाजुक स्थिति में था। वह मृत्यु के अत्यंत निकट था और बहुत मुश्किल से बोल पा रहा था।
पिता को इस हालत में देख कर लड़के का दिल पसीज गया। उसने भरे मन से कहा, पिताजी - मुझे बताइए कि मैं आपके लिए क्या कर सकता हूं।
पिता ने जवाब दिया: बेटा - यहाँ इस आश्रम में कुछ पंखे लगवा दो, यहाँ बहुत गर्मी है। मुझे यहाँ गर्मी में बहुत परेशानी होती रही है। एक फ्रिज भी ला कर दे दो। गर्मी के कारण यहां का खाना अक्सर खराब हो जाता है। कई बार खाना ख़राब हो जाने के कारण मुझे भूखा ही सोना पड़ता था।
बेटे ने आश्चर्यचकित हो कर कहा: "पिता जी, आपने पहले कभी इस बारे में कुछ भी नहीं कहा। कोई शिकायत नहीं की। आज आखिरी समय पर आप यह सब क्यों कह रहे हैं?
पिता का जवाब था: कोई बात नहीं बेटा। मुझे गर्मी में तकलीफ होती रही तो मैं सहता रहा। कभी भूखा भी सोना पड़ा तो मैं सोता रहा। मैंने तो अपनी जिंदगी जैसे तैसे काट ली लेकिन सोचता हूँ कि जब तेरे बच्चे तुझे यहां छोड़ कर जाएंगे तो तुझे तकलीफ न हो।
बच्चों के इक इक हौके पर जो मापे मर मर जाते हैं
वो मरते मरते भी उनको जीने के काबिल कर जाते हैं
क़रीब एक साल के बाद, एक दिन अचानक उसे वृद्ध आश्रम से फोन आया कि आपके पिता बहुत गंभीर हालत में हैं। एक बार उनसे मिलने के लिए आ जाओ। वह वृद्ध आश्रम गया तो उसने देखा कि उसका पिता बहुत ही नाजुक स्थिति में था। वह मृत्यु के अत्यंत निकट था और बहुत मुश्किल से बोल पा रहा था।
पिता को इस हालत में देख कर लड़के का दिल पसीज गया। उसने भरे मन से कहा, पिताजी - मुझे बताइए कि मैं आपके लिए क्या कर सकता हूं।
पिता ने जवाब दिया: बेटा - यहाँ इस आश्रम में कुछ पंखे लगवा दो, यहाँ बहुत गर्मी है। मुझे यहाँ गर्मी में बहुत परेशानी होती रही है। एक फ्रिज भी ला कर दे दो। गर्मी के कारण यहां का खाना अक्सर खराब हो जाता है। कई बार खाना ख़राब हो जाने के कारण मुझे भूखा ही सोना पड़ता था।
बेटे ने आश्चर्यचकित हो कर कहा: "पिता जी, आपने पहले कभी इस बारे में कुछ भी नहीं कहा। कोई शिकायत नहीं की। आज आखिरी समय पर आप यह सब क्यों कह रहे हैं?
पिता का जवाब था: कोई बात नहीं बेटा। मुझे गर्मी में तकलीफ होती रही तो मैं सहता रहा। कभी भूखा भी सोना पड़ा तो मैं सोता रहा। मैंने तो अपनी जिंदगी जैसे तैसे काट ली लेकिन सोचता हूँ कि जब तेरे बच्चे तुझे यहां छोड़ कर जाएंगे तो तुझे तकलीफ न हो।
बच्चों के इक इक हौके पर जो मापे मर मर जाते हैं
वो मरते मरते भी उनको जीने के काबिल कर जाते हैं
No comments:
Post a Comment