Friday, February 2, 2018

क्यों हुई मुझ पर ये ​इनायत - मुझे पता नहीं ​ Kyon huyi mujh par ye inaayat

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कैसे मिल गई ये नियामत - मुझे पता नहीं ​
क्यों हुई ये मुझ पे इनायत - मुझे पता नहीं ​

माफ़ करना यारो ​गर मुझसे कोई ग़लती हुई
आपकी महफ़िल की रिवायत - मुझे पता नहीं ​

कुछ किताबें फ़लसफ़े की तो पढ़ीं मैने मगर
​क्या बला होती है सियासत - मुझे पता नहीं ​

​मैंने तो हर वक़्त ही उनका भला चाहा मगर
क्यों उन्हें है मुझसे अदावत - मुझे पता नहीं ​


जाते जाते  यार ने कुछ तो कहा होगा ज़रूर 
क्या थी आख़िरी वो हिदायत  - मुझे पता नहीं

जो लिखा है किस्मत में - कहते हैं बदलता नहीं
इस बात में है कितनी सदाक़त - मुझे पता नहीं

ज़िंदगी की हर ख़ुशी तुमको मिली 'राजन ' मगर 
क्यों है फिर भी तुमको शिक़ायत - मुझे पता नहीं ​

               'राजन सचदेव '   (1फरवरी  2018


Kaise mil gayi ye niyaamat - mujhe pataa nahin 
Kyon huyi ye mujh pe inaayat - mujhe pataa nahin 

Muaaf karnaa yaaro gar mujh say koi ghalti huyi 
Aap ki mehfil ki rivaayat - mujhe pataa nahin 

Kuchh kitaaben falsafay ki to padhin maine magar 
Kya balaa hoti hai siyaasat - mujhe pataa nahin 

Maine to har vaqt hi un kaa bhalaa chaahaa magar 
Kyon hai unko mujh say adaavat - mujhe pataa nahin 

Jaatay jaatay yaar nay kucch to kahaa hogaa zaroor 
Kyaa thi aakhiri vo hidaayat - mujhe pataa nahin 

Jo likhaa hai Kismat me - kehtay hain badaltaa nahin 
Is baat me hai kitni sadaaqat - mujhe pataa nahin 

Zindagi  ki  har  khushi  tum  ko  mili  'Rajan'  magar
kyon hai Phir bhi tumko shikaayat - mujhe pataa nahin 

                                 "Rajan Sachdeva"
                                   (February 1, 2018)

Nyaamat                A rare or God given gift 
Inaayat                   Kindness, Benevolence, Generosity
Rivaayat                 Customs, Traditions
Falsafaa                  Philosophy
Siyaasat                  Politics  
Adaavat                  Animosity, Enmity, Hostility
Hidaayat                Instruction 
Sadaaqat                Truth, Reality


                    

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