Monday, November 25, 2024

सब हैं मुसाफ़िर यहां

दुनिया है सराय फ़ानी सब हैं मुसाफ़िर यहां 
रोज़ कोई आ रहा है - रोज़ कोई जा रहा 
           ~~~~~~~~~~~~~

3 comments:

रुप सब तुम्हारे हैं और स्वयं तुम अरुप हो

      सर्वशक्तिमान निरंकार प्रभु को समर्पित तुम से है ब्रह्माण्ड तुम जगत का मूल रुप हो  रुप सब तुम्हारे हैं और स्वयं तुम अरुप हो  अनादि हो अ...