कभी वो पास आते हैं - कभी वो दूर जाते हैं
कभी हम को हंसाते हैं कभी हम को रुलाते हैं
ये दुनिया है यहां 'राजन' सभी मतलब के साथी हैं
बड़ी मुश्किल से मिलते हैं वो जो रिश्ता निभाते हैं
" राजन सचदेव "
ये जाते हुए पुराने साल की नसीहत भी तुम हो और आने वाले हर इक साल की ज़रुरत भी तुम हो (तुम = निरंकार ईश्वर) कि जो तौफ़ीक़ रखते हैं बना लें...
कुछ दूर जा कर पास रहेंगे
ReplyDeleteकुछ पास रहकर भी दूर हो जाएंगे
जो तुम से जुड़ गया हो दिल से
तुम्हारे नशे में चूर रहेंगे
वाह --- शुक्रिया जनाब अमित साहिब
DeleteI agree with Amit Ji.
ReplyDelete🥀🙏🏻🥀
ReplyDeleteअपनी मर्ज़ी से भी चार कदम चलने दे
ReplyDeleteजिंदगी हम तेरे कहने पे चले हैं बरसो
🙏Bahut hee Uttam bhav Wali Rachana.yahee sansar Mian hum dekh Rahe hian.🙏
ReplyDelete🙏🙏
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