- अपने हिसाब से लोगों का निरीक्षण न करें
क्योंकि आप नहीं जानते कि उनका जीवन कैसा है
- कि उनके जीवन में क्या चल रहा है
और वे किस दौर से गुजर रहे हैं।
अगर आप उनके साथ हमदर्दी नहीं कर सकते
तो उनका मज़ाक़ बना कर उनके दुःख को और बढ़ाने का काम तो न करें।
क्योंकि आप नहीं जानते कि उनका जीवन कैसा है
- कि उनके जीवन में क्या चल रहा है
और वे किस दौर से गुजर रहे हैं।
अगर आप उनके साथ हमदर्दी नहीं कर सकते
तो उनका मज़ाक़ बना कर उनके दुःख को और बढ़ाने का काम तो न करें।
' राजन सचदेव '
True sir...����
ReplyDeleteBAHUT HI SUNDER ATI SUNDER BLOG
ReplyDeleteabsolutely !!
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