चेहरों की इतनी फ़िकर क्यों है ?
रंगों की इतनी क़दर क्यों है ?
हुसन असल किरदार का है
गोरा काले से बेहतर क्यों है ?
हसरत को कैसे समझाऊँ
इतनी छोटी चादर क्यों है ?
नीयत का दोष ही सारा है
तो फ़िर बदनाम नज़र क्यों है ?
सब एक ख़ुदा के बच्चे हैं
तो फ़िर मस्जिद-मंदिर क्यों है ?
वो भी तो बस इक इंसाँ है
उस के सजदे में सर क्यों है ?
सब मिलके साथ नहीं रहते
इतने छोटे अब घर क्यों है ?
जिनकी जेबें ही ख़ाली हैं
उन को रहज़न से डर क्यों है ?
ये फ़िक़र बहुत है दुनिया को
'अल्फ़ाज़ ' इतना बे-फ़िक़र क्यों है ?
'अल्फ़ाज़ '
रंगों की इतनी क़दर क्यों है ?
हुसन असल किरदार का है
गोरा काले से बेहतर क्यों है ?
हसरत को कैसे समझाऊँ
इतनी छोटी चादर क्यों है ?
नीयत का दोष ही सारा है
तो फ़िर बदनाम नज़र क्यों है ?
सब एक ख़ुदा के बच्चे हैं
तो फ़िर मस्जिद-मंदिर क्यों है ?
वो भी तो बस इक इंसाँ है
उस के सजदे में सर क्यों है ?
सब मिलके साथ नहीं रहते
इतने छोटे अब घर क्यों है ?
जिनकी जेबें ही ख़ाली हैं
उन को रहज़न से डर क्यों है ?
ये फ़िक़र बहुत है दुनिया को
'अल्फ़ाज़ ' इतना बे-फ़िक़र क्यों है ?
'अल्फ़ाज़ '
रहज़न राह में लूट लेने वाला , डाकू , चोर Robber
👍👏
ReplyDelete