Tuesday, May 7, 2019

ये चमन आबाद था - आबाद है

                                ये चमन आबाद था - आबाद है 
                                लापता लाखों सिकंदर हो गए 

ये दुनिया पहले भी आबाद थी आज भी  है और आगे भी रहेगी 
लाखों सिकंदर आए और चले गए  - मिट्टी में मिल गए 
लाखों और नए सिकंदर आएंगे और  मिटटी में मिल जायेंगे 
दुनिया के काम न पहले रुके - न आगे रुकेंगे 

                        तू चाहे या न चाहे  -  तू माने या न माने 
                     चलता रहेगा यूं ही इस दुनिया का सिलसिला 
                                                                 (जगननाथ 'आज़ाद')

हमारे चाहने या न चाहने से कुछ नहीं होगा 
हमसे पहले भी दुनिया चलती थी  - हमारे बाद भी चलती रहेगी 
हम इस बात को मानें या न मानें - इससे क्या फ़र्क़ पड़ेगा ?
   

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Jo Bhajay Hari ko Sada जो भजे हरि को सदा सोई परम पद पाएगा

जो भजे हरि को सदा सोई परम पद पाएगा  Jo Bhajay Hari ko Sada Soyi Param Pad Payega