Monday, April 30, 2018

हद से ज़्यादा बढ़ जाये Had say zyaada badh jaaye

हद से ज़्यादा बढ़ जाये तआल्लुक़  तो ग़म मिलते हैं 
इसलिए आजकल हम लोगों से ज़रा कम मिलते हैं 

Had say zyaada badh jaaye taalluq to gham miltay hain
Isliye aaj-kal hum logon say zaraa  kam miltay hain 

2 comments:

  1. Wah.

    Gham ke dar se na humse taalluq tohdiye
    Bas humse zyada umeed rakhna chodiye!!

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  2. Wah Aashi ji..... beautiful reply of shaayeri in your own shaayeri.
    And you reminded me in a beautiful way that it's the expectations that cause problems and heart-breaks among the relationships.
    Thank you.

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