Wednesday, December 16, 2015

खज़ाना कम नहीं होता Khazaana kum nahin hota

आँखों के बरसने का कोई मौसम नहीं होता 
रो लेते हैं - पर दामन हमारा नम नहीं होता 
मैं अपने दुश्मनों के बीच भी महफूज़ रहता हूँ 
प्रभु की मेहरबानी का खज़ाना कम नहीं होता 
                                        (अज्ञात)

Aankhon ke barsanay ka koi mausam nahin hota 
Ro lete hain par daaman hamaara num nahin hota 
Main apnay dushmano ke beech bhi mehfooz rehtaa hoon 
Prabhu ki meharbaani ka khazaana kum nahin hota 

                                         (Writer unknown) 

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