Tuesday, July 9, 2024

कबीर मन तो एक है

           कबीर मन तो एक है - भावै तहाँ लगाव 
          भावै हरि भक्ति करै - भावै विषय कमाव 

संत कबीर जी कहते हैं कि मन तो एक ही है - जहाँ अच्छा लगे वहाँ लगा लो। 
चाहे हरि भक्ति करो, चाहे विषय विकार कमाओ।

दूसरे शब्दों में ......
सब के पास एक ही तो मन है - 
जिन्हें प्रभु भक्ति भाती है - अच्छी लगती है - वह भक्ति में ही लीन रहते हैं 
और जिन्हें विषय-विकार भाते हैं वे हर समय उन्हीं में ही उलझे रहते हैं । 

6 comments:

  1. 🙏🏻🙏🏻

    ReplyDelete
  2. Absolutely right ji.🙏

    ReplyDelete
  3. इस दुनिया के रंग हैं जितने सब फीके पड़ जायेंगे।
    किसी काल रंगीन दिखेंगे किसी काल धुल जायेंगे।
    भक्ति का रंग पक्का साधो जो न उतरने वाला है।
    मन को निर्मल सुन्दर उज्ज्वल पावन करने वाला है।
    - हरदेव बानी १७

    ReplyDelete

What is Moksha?

According to Sanatan Hindu/ Vedantic ideology, Moksha is not a physical location in some other Loka (realm), another plane of existence, or ...