खिलौने हैं सभी माटी के आख़िर टूट जाते हैं
समय के साथ सब अपने बेगाने छूट जाते हैं
बहुत मुश्किल है 'राजन हर किसी को साथ रख पाना
चिराग़ों को जलाते ही अँधेरे रुठ जाते हैं
" राजन सचदेव "
According to Sanatan Hindu/ Vedantic ideology, Moksha is not a physical location in some other Loka (realm), another plane of existence, or ...
🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteWaah Jì .. Waah .. so true
ReplyDeleteवाह जी वाह
ReplyDeletewah ji wah
ReplyDeleteLa jawab
ReplyDelete🙏Excellent,Absolutely true ji.🙏
ReplyDeleteLajawab Mahatma ji
ReplyDeleteThat’s true 💯
ReplyDeleteमै समझा नही क्यो आज तक
ReplyDeleteबिना बात के अपने कयू रूठ जाते है।
Wah ji wah!
ReplyDeleteSanjeev Khullar
Wah ji wah bahut khub❤️❤️❤️
ReplyDelete🙏🙏🌹🌹
ReplyDeleteSaanch ko aanch nahi
ReplyDeleteवाह वाह।
ReplyDeleteBeautiful 🙏
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