Wednesday, July 12, 2017

मेरी शायरी तो इज़हार है (Hindi)

कोई ख़्याल जब उठता है कभी ज़हन में मेरे 
 चंद लफ़्ज़ों के दायरे में उसे बाँध लेता हूँ 

मेरी शायरी तो इज़हार है मेरे तजुरबों का 
कुछ एहसास अपनी ज़िंदगी से छाँट लेता हूँ 

शायद इन को पढ़ के सम्भल जाए कोई  'राजन ' कहीं 
इसी लिए ख़्याल अपने - सब में  बाँट लेता हूँ 
                                     'राजन सचदेव '


उपरोक्त शेर -साहिर लुधयानवी साहिब के इस शेर से मुत्तासिर  (प्रभावित) हो कर लिखे  गए थे :

              "दुनिया ने तजुर्बात ओ हवादिस की शक़्ल  में  
              जो कुछ मुझे दिया -वो ही लौटा रहा हूँ मैं "



4 comments:

  1. Beautiful .... Thanks for sharing Rajan ji ....

    ReplyDelete
  2. Excellent ji....really ur thoughts is working for more person's purifying......Dhan nirankar ji

    ReplyDelete
  3. बहुत ख़ूब !👏🏼👏🏼👏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼

    ReplyDelete

When the mind is clear

When the mind is clear, there are no questions. But ... When the mind is troubled, there are no answers.  When the mind is clear, questions ...