Monday, July 31, 2017

चलो बुरा ही सही

चलो  - बुरा ही सही  -  तुम से मगर अच्छा है 
तुम्हारी तंग दिल गलियों से यार का दर अच्छा है

लगा दो तोहमतें लाखों, गिरा दो लाख बिजलियाँ 
है साथ मेरे रब - तो मेरा शामो -सहर अच्छा है

न रुकना मुसाफ़िर तू - न आये जब तलक मंज़िल 
सकूते मौत से तो ज़िंदगी का सफ़र अच्छा है 

ठहर जाओगे माज़ी में तो कुछ भी कर न पाओगे 
जो सामने हो - वो भी रखना मद्देनज़र अच्छा है 

सकूँ न माज़ी में मिल पाएगा न ख़्वाबगाहों में 
सकूँ के वास्ते सबरो सिदक़ का शहर अच्छा है 

मैंने कब पनाह ली थी किसी जिस्मे फ़ानी की 
मैं जानता था बे दीवारो-दर का घर अच्छा है 

पाक साफ़ हों सभी - कहाँ मिलेगा वो जहाँ 
ख़ुद को पाक कर लेंगे तो ये ही नगर अच्छा है 

किसी की बातों में आकर न अपना चैन खो देना
 तूफ़ाँ में भी जो क़ायम रहे वो शजर अच्छा है 

किसी को क्या वो बदलेगा जो ख़ुद को न बदल पाए  
ख़ुद को ही सँवार ले जो - वो ही बशर अच्छा है 

फूल बनके न महका सकें दुनिया के चमन को
तो बन के ख़ार न उलझें किसी से अगर, अच्छा है 

ना  देखो  किसी ग़रीब की जानिब हिक़ारत से 
किसी के दुःख में भर आए वो दीदा ऐ तर अच्छा है 

वफ़ा है - तो वफ़ादारी भी तो लाज़िम है ' राजन '
न हो के बदगुमां उठ जाए जो - वो सर अच्छा है 

                       'राजन सचदेव ' 
                            (30 जुलाई  2017 )



तोहमतें           =         इल्ज़ाम    Accusations, Allegations 
शामो -सहर    =          रात -दिन      Evenings (nights ) Mornings 
सकूते मौत      =         Stillness of death 
माज़ी              =         Past
मद्देनज़र         =         In view or in mind - to pay attention
सकूँ               =         चैन    Happiness, pleasure, contentment, satisfaction etc.
ख़्वाबगाह       =        सपनों का नगर   Dreamland, Fairyland, false-hopes
सबरो सिदक़  =         Patience & Contentment
जिस्मे फ़ानी    =         नष्वर शरीर  Mortal body
बे दीवारो-दर  =        Without walls & doors
पाक साफ़     =         पवित्र  Spotless & Pure (heart)
 शजर            =         Tree
बशर            =          Person
चमन            =         Garden
ख़ार            =          काँटे   Thorns
जानिब        =         तरफ़ Towards
हिक़ारत     =         अपमान, तिरस्कार  Hatred, Disgust, Repugnance, Antipathy, dislike etc.
दीदा ऐ तर  =        Wet or Tearful eyes - eyes full of sympathy, compassion, empathy  
वफ़ा           =      प्रेम Love
वफ़ादारी    =      Loyalty,  Allegiance, Adherence, commitment
लाज़िम      =       Necessary, Essential, Required
बदगुमां     =       Erroneous, Misguided, mistaken, flawed





5 comments:

  1. Thank you for such a beautiful post. Indeed heartfelt and inspiring. As a side benefit. So many new words for me to learn. Thank you Rajan ji.

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  2. वफ़ा है तो वफादारी भी तो लाज़िम है राजन ........
    बहुत खूब

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  3. Very nice Ghazal
    Bishan

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  4. Wah ji bahot khoob likha hai
    Lata

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Jo Bhajay Hari ko Sada जो भजे हरि को सदा सोई परम पद पाएगा

जो भजे हरि को सदा सोई परम पद पाएगा  Jo Bhajay Hari ko Sada Soyi Param Pad Payega