Thursday, October 31, 2024

शुभ दीपावली - सत्य की ज्योति - ज्ञान के दीप जलें

सत्य की ज्योति उज्ज्वल हो चहुँ ओर ज्ञान के दीप जलें
वैर विरोध तक़रार मिटे - मिल जुल के सारे संग चलें

सद्भावना, करुणा का हर हृदय में संचार मिले
बड़ों से आशीर्वाद मिले अपनों से प्रीत प्यार मिले

*सर्वे भवन्तु सुखिनः और सर्वे सन्तु निरामया
सर्वे भद्राणी पश्यन्तु - ऐसी कर दो प्रभु दया

हर पल सुख के फूल खिलें हर आंगन में खुशहाली हो
मंगल दायक ' राजन ' हर नर नारी की दीवाली हो
                     " राजन सचदेव "


* सर्वे भवन्तु सुखिनः - सर्वे सन्तु निरामया
सर्वे भद्राणी पश्यन्तु मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत् 
                       (वृहदारण्यक उपनिषद्) 










































































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न समझे थे न समझेंगे Na samjhay thay Na samjhengay (Neither understood - Never will)

न समझे थे कभी जो - और कभी न समझेंगे  उनको बार बार समझाने से क्या फ़ायदा  समंदर तो खारा है - और खारा ही रहेगा  उसमें शक्कर मिलाने से क्या फ़ायद...